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Friday, May 10, 2019

तंग पलों से चंद लम्हे

तंग पलों से चंद लम्हे चुराकर
आप से रुखसत होने आया हूँ

फुरसत के पल ढूढता हूँ मै
की आपसे दीदार करूँ
कुछ पल गुजारें साथ में
और जी भर कर प्यार करूँ
एक खूबसूरत एहसास का दीपक जलाने आया हूँ

माना की दौरे गम में आप भी हैं
और हम भी हैं
इस पल के इन्तेजार में आप भी हैं
हम भी हैं
गमगीन घटाओं के पावन फौवारे बरसाने आया हूँ

बेरहम वक्त के सताए आप भी है
और हम भी हैं
सांसारिक सांसत के शिकार आप भी हैं
और हम भी हैं
झंझावातों, झमेलों से थोड़ा फुरसत दिलाने आया हूँ

वैसे भी कहाँ खबर किसको
किसी के दिल के गुबारों का
सुस्ताई सजल आँखों का
चंचल मन के उद्गारों का
जीवन के जद्दोजहद में थोडा गुल खिलाने आया हूँ

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