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Monday, April 27, 2020

जहां भी दर्द है



जहां भी दर्द है,
जिंदा जख्म है,
वहां दवा करो,
दुआ भी करो, 
सेवा  सुश्रुषा, पट्टी मरहम करो,
हो सकता है, प्रयास नाकाफी हो,
जख्म ज्यादा, घाव काफी हो,
पर चाहे अदना सा ही क्यों ना हो,
हर मुकम्मल, हर संभव कोशिश,
जरूर करो;
तुम्हारा छोटा प्रयास,
एक मानवीय एहसास,
किसी को मुस्कुराहट दे सकता है;
कुछ ना कुछ तो,
दुख दर्द, कम कर सकता है।
17 अप्रैल 2020

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