कौन कमबख्त कहता है,
कौन कमबख्त कहता है
कि आप बेजान हो रही,
आपतो उम्र के साथ
और भी जवां हो रही।
सिरफिरे है वो लोग
सिरफिरे है वो लोग
नादान भी है
नही पता उन्हें
नही पता उन्हें
आपकी रूह की खुशबू,
आपकी जवादिली का राज,
हमे पता है
हाँ हमे पता है
आप आज भी, अब भी
जिंदादिल भी है,
और बखूबी जवां भी है।
समय क्यों इतना मेहरबान है
आप पर इतना कदरदान है,
आहट भी नही आप पर
समय के प्रभाव का,
या तो समय आपके चौखट आना भूल गया
या समय खुद भी आपकी
खूबसूरती, मदहोशी के आगोश
में
डूब गया।
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