Followers

Friday, May 10, 2019

ये दिन मानुष तन ई बीरान होई

ये दिन मानुष तन ई बीरान होई,
कईला हरी का भजन कुछ काम होई;

कुछ दिन का यह रैन बसेरा,
न कुछ तेरा न कुछ मेरा;
एक दिन पिजरा से ओझल परान होई
कईला ..............................................

सत गुरु चरन शरन गहि लीजै,
लोभ मोह मद अरपन कीजै;
कटिहै जग का भरम जब ज्ञान होई
कईला........................................

जग की है यह रीत रे भाई
कहे लाल गुरु देत बताई
होई है कहूं पे सबेरा कहू शाम होई
कईला............................................. 



No comments:

Post a Comment