दर पे आया हूँ मै
तेरे दर पे आया हूँ
मुझे दर्शन दे दे
माता मै तेरे दर पे आया हूँ
तेरी कृपा अपार मात
तू दरश की प्यास बुझा दे
तम अज्ञान मिटा के
हे माँ ज्ञान की ज्योति जला दे
दर पे
आया......................
तेरे चरण कमल के रज
में निशदिन शीश नवाऊ
साँझ सवेरे हर हे
माँ तेरे ही गुण गाऊं
दर पे
आया...........................................
वर ऐसा दो बस सबको
मै प्रेम के गीत सुनाऊं
खुद हो मगन तेरी
भक्ति में सबका मन बहलाऊं
दर पे आया
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