प्रभु जी तोहरी पाँव
पड़ी
नत मस्तक हो विनती
करी
प्रभु..................................
सुख चैन तुम्ही से
आनंद तुम्ही से
विभव सभी हे पिता
तुम्ही से
तुम्हरी नित दिन
विनती करी
प्रभु.................................
हे ज्योत महान, दे
दो वरदान
जपू मै तेरा नाम, हो
ऐसा संज्ञान
हो मन पावन हमरी
प्रभु.................................
कहत लाल गुरु, आई
जगत में
खाता पीता भूला जग
में
प्रभु भजन न करी
प्रभु..................................
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