ले नाम शारदे का तन
मन निखार दो
जीवन बने सुहाना जग
को संवार दो
हो सर्वस्व सारे
संसार के तुम
हो मझदार सारे ससार
के तुम
निशा जो मिटाए, शमा
जो खिलाये
स्वरों सारे सरगम के
सार हो तुम
हो
सर्वस्व..............................
घुली रागिनी की सदा
साज जिसमे
मिली रौशनी के मधुर
गीत जिसमे
ले ममता के आंचल तू
जग को सुलाती
ये सितारों की संसार
हो तुम
हो
सर्वस्व...........................
ये जीवन तुम्ही को
ये दुनिया तुम्ही को
हसकर लुटाऊ ये
खुशियाँ तुम्ही को
तू कमलो की लट में
ले वीणा विराजे
मन की मधुर सुर की
कहां हो तुम
हो
सर्वस्व.............................
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