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Friday, May 10, 2019

हो सर्वस्व सारे संसार के तुम

ले नाम शारदे का तन मन निखार दो
जीवन बने सुहाना जग को संवार दो

हो सर्वस्व सारे संसार के तुम
हो मझदार सारे ससार के तुम

निशा जो मिटाए, शमा जो खिलाये
स्वरों सारे सरगम के सार हो तुम
हो सर्वस्व..............................

घुली रागिनी की सदा साज जिसमे
मिली रौशनी के मधुर गीत जिसमे
ले ममता के आंचल तू जग को सुलाती
ये सितारों की संसार हो तुम
हो सर्वस्व...........................

ये जीवन तुम्ही को ये दुनिया तुम्ही को
हसकर लुटाऊ ये खुशियाँ तुम्ही को
तू कमलो की लट में ले वीणा विराजे
मन की मधुर सुर की कहां हो तुम
हो सर्वस्व.............................

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