मौत की आखिरी सांसो
की कसम
फ़िदा तुझपे हुए मेरे
सनम
तेरे जज्बात ने
दीवाना बनाया मुझको
छलकती जाम का दीवाना
बनाया मुझको
यादों की पतझड़ी में
फूल, फूले गुलशन की खिले
मुस्कराती मुखौटो
से, मेरी जाँ तू जो मिले
मिले बहारों से बहकी
ये पवन
फ़िदा ...........................................
बसे हो ये सनम, तुम
मेरी निगाहों में
छूते न हाथ तेरा,
वक्त की पनाहों में
राग रंगत है खिली,
मेरी जाँ तुम्हारे लिए
है तू जिसको मिली,
फिर गम नही और के लिए
खिली है शाम की
जन्नत में, सितारे चमन
फ़िदा तुझपे हुए............................................
No comments:
Post a Comment