हमके जीतै जिनगिया मुआई देहलु
जब जवानी का बोटका पिलाई देहलु।
तोहरी सूरत का सब भइली दीवाना
तोहरा नशे में डूबल पूरा जमाना
ठंडे पनिया मे अगिया लगाई देहलु।
सजके सवरके जब बहिरे निकललू
पूरा मोहल्ले के जान लेइ लेहलू
कातिल कमसिन कमरिया हिलाई देहलु।
चललू डगर, दिल मे भूकम्प आई
जुल्फ हिलावे पे हिमालय हिल जाई
अपने हूसन की भंगिया पिलाई देहलु।
सगरो जमाना के एकही सवाल बा
तोहरे हूसन का न कौनो मिशाल बा
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