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Friday, May 10, 2019

इक जवां आज निकला घर से

इक जवां आज निकला घर से,
माँ की ममता पे सर को चढाने;

देश भारत की तू लाज रखना,
जाँ जाये न पीछे तू हटना;
बेटा बैरी बचने न पाए,
जाओ सरहद पे वादा निभाने
इक जवां.........................................

प्यारे लालन कलेजे के तुकडे,
माँ का आंचल बिखरने न देना
पोंछ आंसू है माँ बोली बेटा,
जाओ दुधवा की लजिया बचाने;
इक जवा...............................

है सिसकती खडी द्वार सजनी,
साथ प्रीतम का पल भर में छूटल;
छू चरण दे कसम बोली सैया,
जाओ मंगिया की लजिया बचाने,
इक जवा.............................

ढुलके आंसू दुलारी बहन के
आज भैया भयल है बेगाना;
(बांध हाथो में रेशम का धागा)
दे तिलक बोली ये मेरी भईया,
जाओ रखिया की लजिया बचाने,
इक जवा.................

रोये भाई लगा हाथ माथे,
याद आएगी पल पल की बाते
मिल गले कर मिलन बोला भईया,
जाओ दुश्मन की दुनिया मिटाने
(जाओ खूनवा बतन पे बहाने)
इक जवा...............................

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