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Friday, May 10, 2019

शीश झुका के करून प्रणाम

शीश झुका के करून प्रणाम

शीश झुका के करूं प्रणाम
विनती सुन लो कृपानिधान

ओझल अंखिया सूझत नाही
माया मोह संग छोड्त नाही
हिय उजियार करो सुखधाम
विनती .....................................

चित चहु ओर चरण को खोजत
रोवत विलखत सोवत जागत
नही मिलत वह विमल निशान
विनती.....................................

कोमल मन कहू लागत नाही
धावत भागत तोहि पावत नाही
दर्शन दो हे देव महान
विनती............................................



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