मिलते लोग और बिछड़
जाते हैं-२
रह के वो दूर और याद
आते है
अपना है इस जहाँ में
कौन?
कौन सबसे प्यारा है?
दो दिन की मोहब्बत
है,
और सबसे न्यारा है;
हसते है, मिलते
है,रोते है, गीत गाते है;
जाने कहाँ किस ओर
चले जाते है;
रह के...........................................
रहते करीब, दूर नजर
आते है,
बिछ्डेगे कभी, भी से
घबराते है,
कांटे है कलियों
में, दुखदर्द है गलियों में,
मिले नही कि पल में
मुकर जाते है;
रह
के.........................................
राह जिन्दगी के सपने
सजाये सबने,
पाया नही हूँ कुछ
भी, चाहा तो बहुत हमने;
तडपन है धड़कन में,
खुशबू नही शबनम में;
मिलते है सिर्फ
आंसू, जब भी जिधर जाते है
रह के
वो...............................
चलना जरा संभल के
जीवन तो एक पहेली है,
जीवन के डोर किस्मत
ने,
अपने हाथ में जकड़ ली
है
(कोई करे कुछ भी, सब
खिचते चले जाते है)
सपने जहा के पल में,
यूही ही बिखर जाते;
रह के
वो................................
No comments:
Post a Comment