हे प्रभु ! तुमको
सतत नमन
हे प्रभु तुमको सतत
नमन
परम पिता परमेश्वर
तुम हो
आदि देव जगदीश्वर
तुम हो
जग त्राता जीवनदाता
प्रभु
कर दो मेरा सफल जीवन
हे
प्रभु...................................
कण कण हर पल
श्रृष्टि का
करता अनुभूति सदा
जिसका
शीश झुका मै उसकी
करता निशदिन हूँ
बंदन
हे
प्रभु.......................................
सूर्य चन्द्र, बढ़ते
पग पग है,
जिसके दर्शन पाने
को;
जिसके पग रज पाने
को,
है व्याकुल बहता सता
पवन;
हे
प्रभु.......................
निराधार पाता आधार,
करना है सबका सद
उपकार;
कष्ट द्वेष दुःख
दर्द सभी का,
करता पल में सबल
शमन;
हे
प्रभु........................
न है पुष्प और न है
पानी,
न है मंदिर न माला
है;
काया कलश भरा तोयज
प्रभु’
है अर्पित मेरा मन
उपवन;
हे
प्रभु...............................
प्रेम की लहर बहे
हिय में,
ज्ञान की ज्योति जले
जग में;
सतचित समरस भाव जगे
हे प्रभु,
हो सुखमय सारा जग
जीवन;
हे
प्रभु..................................
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