तंग पलों से चंद लम्हे चुराकर
आप से रुखसत होने आया हूँ
फुरसत के पल ढूढता हूँ मै
की आपसे दीदार करूँ
कुछ पल गुजारें साथ में
और जी भर कर प्यार करूँ
एक खूबसूरत एहसास का दीपक जलाने आया हूँ
माना की दौरे गम में आप भी हैं
और हम भी हैं
इस पल के इन्तेजार में आप भी हैं
हम भी हैं
गमगीन घटाओं के पावन फौवारे बरसाने आया हूँ
बेरहम वक्त के सताए आप भी है
और हम भी हैं
सांसारिक सांसत के शिकार आप भी हैं
और हम भी हैं
झंझावातों, झमेलों से थोड़ा फुरसत दिलाने आया हूँ
वैसे भी कहाँ खबर किसको
किसी के दिल के गुबारों का
सुस्ताई सजल आँखों का
चंचल मन के उद्गारों का
जीवन के जद्दोजहद में थोडा गुल खिलाने आया हूँ
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