भारत जीतेगा
कोरोना हारेगा।
हिन्दू नही, मुस्लिम नही:
अगड़ा नही, पिछड़ा नही;
अमीर नही, गरीब नही;
काला नही, गोरा नही;
ईश्वर नही, अल्लाह नही;
भगवान नही, बिस्मिल्ला नही;
सिर्फ और सिर्फ आज यहाँ,
भारत का जनजन जागेगा।
भारत जीतेगा,
कोरोना हारेगा।
हर व्यक्ति को आगे आना है,
खुद को भी बचाना है,
परिवार को भी बचाना है,
समाज को,
देश को,
पूरी मानवता को बचाना है;
यही मानवता है,
यही धर्म है;
व्यक्ति और कोई वाद नही,
आज सिर्फ भारत लड़ेगा।
भारत जीतेगा,
कोरोना हारेगा।
न ईश्वर से आस,
न धर्म का आदेश,
मुल्ला पंडित पादरी का,
न कोई अध्यादेश;
झाड़ फूंक जादू टोने,
न चमत्कार पर विश्वास;
सिर्फ विज्ञान और पुरुषार्थ
न कोई अंधविश्वास;
विवेक, बुद्धि, संयम की,
शक्ति से कोरोना भागेगा।
भारत जीतगा,
कोरोना हारेगा।
सरकार नही, संस्था नही,
धर्म नही, कोई आस्था नही;
संगठन और समुदाय का,
कोई वाद और प्रतिवाद नही,
भारत को बचाने में सिर्फ,
भारत ही समर्थ है;
आडम्बर अंधविश्वासों का,
टपोरबाजी सब व्यर्थ है;
भारत के भारत बनने से,
भारत निश्चय जीतेगा।
भारत जीतेगा,
कोरोना हारेगा।
पहले भी तूफां आये है,
हम भारत बन के दिखाएं हैं;
भारत को तोड़ने की हर कोशिश को,
हम असफल करके दिखाएं है;
भारत बचाने के वख्त में
अद्भुत एकजुटता दिखाएं हैं;
दुर्दम दुष्कर शत्रु को,
पराजित करके दिखाएं हैं
भारत बल सबल समक्ष,
वायरस कोरोना दम तोड़ेगा;
भारत जीतेगा,
कोरोना हारेगा।
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