सलाम भेंट,
नमन वन्दन,
हे महावीरों!
तुम्हें अभिनन्दन।
डॉक्टर्स, पुलिस, सफाईकर्मी,
तुम पूज्य हो, आराध्य हो;
तुम देवतुल्य, तुम ईश्वर हो;
सच्चे साथी, तुम हमराज हो;
तेरी बहादुरी, तेरी वीरता को,
मेरा नमन, मेरा वन्दन।
तेरी भी हसरतें हैं,
तेरी भी ख्वाहिशें है;
उम्मीदें हैं उमंगे हैं,
और मासूम चाहतें हैं;
पर तुम तो महान हो,
इन्सान नही भगवान हो;
जिंदगियां बचाने की होड़ में,
खुद की तकलीफों से अन्जान हो।
तेरी तत्पर इंसानी सेवा को,
सलाम,नमन, अभिनन्दन।
न सोने की फुरसत,
न खाने का समय,
हाहाकार हरतरफ,
चीख चीत्कार हर तरफ,
कोई दम तोड़ रहा है,
कोई अंतिम सांसें ले रहा है,
खुद मौत से घिरा,
और मौत से संघर्ष कर रहा है,
घर पर बीबी बिलखती,
और बच्चा इंतज़ार कर रहा है।
निःशब्द हूँ,
स्तब्ध हूँ,
तेरी कर्तव्य परायणता को नमन,
तेरी मानवता शूरवीरता को नमन।
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