मोहब्बत,
सिर्फ एब्सोल्यूट बेवकूफी है,
और कुछ भी नही।
किसी का इंतजार,
किसी से एतबार,
एक बार नही, बार बार।
बात करने की ललक,
मिलने की चाहत,
न मिल पाने का दर्द,
कभी नाराजगी,
कभी बेताबी, कभी बेरुखी;
रूठना और मनाना,
रोना और रुलाना;
एक बार नही बार बार।
मोहब्बत तो,
हों ही जाती है अक्सर;
कभी एक से,
कभी अनेक से;
झूठ बोलते हैं अक्सर,
खुश करने के लिए,
अच्छा महसूस कराने के लिए।
एक बार नही बार बार।
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