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Friday, May 24, 2024

यह अभूतपूर्व है,

यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

यह यकीनन सच है,
हर बार मैंने चाहा,
उसे याद न करूं;
मैने यह भी चाहा,
वो भी मुझे याद न करे;
हर कोशिश की,
हर जुगत आजमाए;
न ही मै उसे याद आऊं,
न ही वो मुझे याद आए;
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

इसलिए नहीं,
कि मुझे उससे नफरत है;
कोई गिला है,
कोई शिकायत है;
बस इसलिए,
कि उसकी खूबसूरत दुनिया है;
खुशियों से भरा,
प्यारा सा, खुशहाल संसार है;
कहीं कोई ग्रहण न लग जाए,
किसी की बुरी नजर न लग जाए।
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

हमेशा मन के कोने में,
एक उलझन सी रही,
कही उसकी पहल,
और मेरी कोशिश,
हमारे लिए संकट न बन जाए,
अनकही अनसोची,
अड़चन बन जाए;
शांत सुचारू चलती जिंदगी,
कहीं उलझन न बन जाए।
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

हजार कोशिशों,
लाखों जुगत के बावजूद;
कि भूल जाऊं उसको,
जुदा कर लूं रास्ते उससे;
मै रहा पूरी तरह विफल,
मै रहा संपूर्ण असफल;
हालते मंजर ये है,
जितना दूर जाने की कोशिश की,
भूल जाने की जुगत की,
उतना ही जादा याद किया,
उतना ही अधिक करीब आया।
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

अब तो ऐसा कोई पल कहां,
जिसमे वो याद न आए;
ऐसा कोई क्षण कहां,
जब बेहद करीब नजर न आए;
मालूम होता है,
है यहीं कहीं, मेरे आसपास;
उसकी आहट,
उसकी खुशबू बिखर रही है,
यही कहीं, मेरे आसपास।
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।

मैने भी लड़ना छोड़ दिया,
बिछड़ने के विचार से;
सहज हो गया,
इस वेग को, बहाव को,
अंगीकृत कर लिया,
स्वीकार कर लिया;
बस मुस्कान के साथ,
उद्वेलित मीठे मनोभावों के साथ,
अनूठे एहसास, खूबसूरत आभास के साथ,
अपनी कदमचाल मिला लिया।
यह अभूतपूर्व है,
ऐसा पहले कभी न हुआ।





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