खोज फिरूं खोज वा घर को,
कोई न करत बखानी।
सतगुरु संत मिले रैदासा,
दीन्ही सूरत सहदानी।
वन पर्वत तीरथ देवालय,
ढूँढा चहुँ दिशि दौर।
मीरा श्री रैदास शरण बिन,
भगवान और न ठौर।
मीरा म्हाने संत है,
मै
संता री दास।
चेतन सत्ता सेन ये,
दासत गुरु रैदास।
मीरा सतगुरु देव की,
कर बन्दना आस।
जिन चेतन आतम कह्य,
धन भगवान
रैदास।
गुरु रैदास मिले मोहि पूरे,
धुर से कलम भिड़ी।
सतगुरु सैन दई जब आके,
ज्योति से ज्योत मिलि।
मेरे तो गिरधर गोपाल,
दूसरा न कोय।
गुरु हमारे रैदास जी,
सरनन
चित सोय।
खोज फिरूं खोज वा घर को, कोई न करत बखानी।
सतगुरु संत मिले रैदासा,
दीन्ही सूरत सहदानी।
वन पर्वत तीरथ देवालय,
ढूँढा चहुँ दिशि दौर।
मीरा श्री रैदास शरण बिन, भगवान और न ठौर।
मीरा म्हाने संत है, मै
संता री दास।
चेतन सत्ता सेन ये, दासत गुरु रैदास।
मीरा सतगुरु देव की, कर बन्दना आस।
जिन चेतन आतम कह्य, धन भगवान
रैदास।
गुरु रैदास मिले मोहि
पूरे, धुर से कलम भिड़ी।
सतगुरु सैन दई जब आके,
ज्योति से ज्योत मिलि।
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरा न कोय।
गुरु हमारे रैदास जी सरनन
चित सोय।
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