कोई फरमाइश नही
जिंदगी!
जो भी बक्शा है मुझे
जो भी नवाजा है मुझे
मैं शुक्र गुजार हूं
मैं तेरा शुक्रगुजार हूं
खुश हूं मैं,
जैसे भी हूं जहां भी हूं
संतुष्ट भी हूं
जो भी है, जितना भी है
चाहते कोई शेष नही,
इच्छाएं कोई विशेष नही,
जिंदगी!
तूने बहुत बरकत दी
मैं तेरा तरफदार हूं
तेरा शुक्र गुजार हूं।
अब तो मुश्किलात में भी,
मुस्कुराहट सी रहती है,
ठोकरें, झंझट और उलझने भी,
वरदान से लगते है,
नही महसूस होती कमी,
किसी की, किसी वस्तु की
अपने में ही पूरा
जमी आसमान
पूरा जहान समाया सा लगता है।
शुक्रिया ये जिंदगी!
तेरी मेहरबानी के लिए
शुक्रिया ये जिंदगी
तेरी मेहरबानी के लिए।
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