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Friday, March 1, 2024

बेगमपुरा सहर को नाऊ, दुःख अन्दोहू नहीं तिहि ठाऊ- संत रविदास

 


 

बेगमपुरा सहर को नाऊ,

दुःख अन्दोहू नहीं तिहि ठाऊ।।


ना तस्वीस हिराजू न मालू,

खउफू न खता न तरसु जुवालू।।


अब मोहि खूब बतन गह पाई,

उहाँ खैरि सदा मेरे भाई।।


कईमु सदा पातिसाही, 

डॉम न सोम एक सो आही।।


आबादानु सदा मसहूर, 

उहाँ गनी बसहिं मामूर।।


तिउ तिउ सैल करहि जिउ भावै, 

महरम महल न को अटकावै।।


कह रविदास खालस चमारा, 

जो हम सहरी सु मीतु हमारा।।



 

बेगमपुरा सहर को नाऊ, दुःख अन्दोहू नहीं तिहि ठाऊ।।

ना तस्वीस हिराजू न मालू, खउफू न खता न तरसु जुवालू।।

अब मोहि खूब बतन गह पाई, उहाँ खैरि सदा मेरे भाई।।

कईमु सदा पातिसाही, डॉम न सोम एक सो आही।।

आबादानु सदा मसहूर, उहाँ गनी बसहिं मामूर।।

तिउ तिउ सैल करहि जिउ भावै, महरम महल न को अटकावै।।

कह रविदास खालस चमारा, जो हम सहरी सु मीतु हमारा।।


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