कहने को तो,
दुनिया सिर्फ एक भीड़ है;
जहां लोग आते हैं,
चहलकदमी करते हैं,
फिर चले जाते हैं;
किसी अज्ञात पटल पर,
सदा के लिए विस्मृत हो जाते हैं;
पर कुछ लोग
कुछ व्यक्तित्व, कुछ शख्शियत,
ऐसे होते हैं,
जो अपनी महक, अपनी खुश्बू,
अपनी पहचान,
समय के अमिट पलों में,
कुछ यूं छोड़ जाते हैं,
अपनी वाणी, अपने व्यवहार का जादू,
कुछ यूं कर जाते हैं कि,
हमारे साथ,
हमारे बीच,
न रहकर भी,
बहुत याद आते हैं,
याद आते ही रहते हैं;
करिश्माई खुशनुमा ख्यालों से,
दिलो दिमाग को,
तरोताजा कर जाते हैं,
यादों की झंकार से,
मन पुलकित हर्षित कर जाते हैं;
समय के पार,
जीवंतता का एहसास करा जाते हैं।
भूलने की हजार कोशिशें भी,
नाकाम हो जाती हैं,
क्योंकि खुद में,
अपने व्यक्तित्व के सच्चे प्रतिविम्ब का,
आभास दे जाते हैं।
वक़्त भी झुककर सलाम करता है,
प्रणाम करता है,
एहतराम करता है;
क्योंकि ऐसे विशेष व्यक्तित्व,
समय के सीने को चीर,
समय को पार कर जाते हैं।
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