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Saturday, November 30, 2019

संगमरमर के महलों में रहने वालों


संगमरमर के महलों में रहने वालों,
यह पत्थर मिट्टी बन जायेगा;
अय्याशी तेरी जीवनशैली,
सब कुछ ख़ाक हो जायेगा।

सतत संघर्षों की बदौलत,
तुमने सारी शोहरत पाई;
शिक्षा संपदा और स्वाभिमान,
तुमने अकूत दौलत पाई;
तुमने यदि संघर्ष किया नही,
सब हाथ से निकल जायेगा।

लक्जरी गाड़ी महंगे बंगले,
जो बैंक बैलेंस बनाया है;
ब्रांडेड जूते और कोट पहन,
बादाम इमरती खाया है;
समय रहे यदि समझा नही,
फिर से फ़कीर हो जायेगा।

भोगविलासी अय्याशी,
तू अजब अकड़ में रहता है;
कारवां चलाने वालों की,
कोई बात नही सुनता है;
समझाने से यदि न सुधरा,
सारी अकड़ दफा हो जायेगा।

जाबांज वीर महापुरषों के,
कुर्बानियों के कर्जदार हो तुम;
समाज से धोखा करने का,
गुनाहगार और गद्दार हो तुम;
एहसान फरामोश विश्वासघाती,
तेरी हेकड़ी भी निकल जायेगा।

अपनों से दूर रहकर अपनी,
मक्कार असीलियत दिखलाया;
समाजहित में जीना मरना,
बच्चों को भी न सिखलाया;
है ऋणी खून का हर कतरा,
यह वक्त तुम्हे बतलायेगा।

पूर्वज से मिले अधिकारों का,
संरक्षण भी तू कर न सका;
पुरुखों के बहुमूल्य विचारों का,
संवर्धन भी तू कर न सका;
जब तेरी अति दुर्गति होगी,
तू भौचक्का (देखता) रह जायेगा।

खुद कारवां न बन सके अगर,
न किसी की टांग खिचाई करना;
मिशन चलाने वालों की,
तुम हौसलाफजाई करना;
तेरे इन छोटे से प्रयास से,
मजबूत (महा) मुहिम बन जायेगा।

विद्रोह की सुन्दर परिपाटी,
तूने मृतपाय सा कर डाला;
पड़ टीवी बीबी के चक्कर में’
(पड़ धन दौलत के चक्कर में)
हालात ऐ सूरत सब बदल डाला;
तकदीर बनाने वालों तेरा,
वजूद भी मिट जायेगा।

करके परित्याग घरौंदों को,
खुली सड़कों पर संघर्ष करो;
स्वाभिमानी जीवन जीने के लिए,
अपनी आवाज बुलंद करो;
मर गया यदि मानवता के लिए,
मरकर भी अम्रर हो जायेगा।

पिछली पीढ़ी का बलिदान है,
जो कुछ भी तुमने पाया है;
अपनी अगली पीढ़ी के लिए,
क्या कोई प्लान बनाया है;
यदि जंग हेतु तत्पर न रहा,
सब कुछ लतपथ हो जायेगा।

कभी बच्चों की पढाई का,
कभी बिटिया की सगाई का;
कभी बीबी की दवाई का,
कभी आफिस में रोज लड़ाई का;
दुनिया की दुहाई देते देते,
दुनिया से ही मिट जायेगा।
20.09.2019

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