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Saturday, November 30, 2019

धरम का नाम लेकर


धरम का नाम लेकर सारे,
अधर्म करने वालों,
भरम न करना कभी अधर्म से,
तू साबित बच पायेगा।

धरम न कहता कोई किसी पर,
कभी भी अत्याचार करे;
धरम न कहता कहीं कभी भी,
न कोई बुरा व्यवहार करे;
धरम की आड़ में सब करने वालों,
तू भी शिकार बन जायेगा।

होता हर दिन दंगा फशाद,
अनावश्यक होता वाद विवाद;
शांत सम्पन्न गलियारों में’
नफरत की भड़क जाती है आग;
धरम की भभकती लपटों में,
तू खुद भी जल जायेगा।

धर्म नही यह अधर्म है,
किसी को ऊँच किसी को नीच किया;
जाति वर्ण का भेदभाव,
इन्सान इन्सान के बीच किया;
विषमता का विषमई सर्प,
तुझको भी निगल जायेगा।

धरम के नाम पर हर रोज यहाँ,
अतिशय धन लुटाया जाता है;
चन्द मानिन्द महंथों के,
अय्याशी पर लुटाया जाता है;
ढोंग आडम्बर से ठगने वालों,
तू भी कहीं ठग जायेगा।

अफवाहें (झूठी बातें) फैलाकर सबको,
धरम के नाम पर लड़ाता है;
भोले भालों को जंग में फेंक (झोंक)
खुद पीछे हट जाता है;
धरम से धोखा करने वालों,
तू भी धोखा खा जायेगा।

स्वर्ग नरक ग्रह नक्षत्र,
शुभ अशुभ बताया जाता है;
भूत प्रेत नर पिशाच,
काली साया से डराया जाता है;
पोंगापंथी के जंजाल में,
तू भी कभी फंस जायेगा।

धरम के झंडे तले यहाँ,
सारी बदमाशी होती है;
नशाखोरी हत्या व्यभिचार,
सारी अय्याशी होती है;
धरम का धन्धा करने वालों,
दुनिया को पता चल जायेगा।

बेजुबानों की बलि चढ़ाना,
धरम नही हो सकता है;
झाड़ फूंक यज्ञ हवन से,
कोई काम नही बन सकता है;
व्रत तीर्थ और मंत्रजाप से,
कोई भला नही कर पायेगा।

धरम का सत्यानाश किया,
खुद धरम के ठेकेदारों ने;
बीच सड़क बेआबरू किया,
और बेंच दिया बाजारों में;
धर्म को रसातल पहुँचाने वालों,
तेरा बेडागर्क (बेडागर्त) हो जायेगा।

धरम तो शिष्टाचार है,
सद्भाव और सद्विचार है;
मोहब्बत का नजीर बनने वाला,
पावन पवित्र व्यवहार है;
धरम में जहर मिलाने वालों,
ऐ जहर ही तुझे निपटायेगा।
22.09.2019

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