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Tuesday, November 26, 2019

एक तिनका



बादशाहों से पूछ रहा,
एक तिनका जमीन का

शोहरतों की चादर, तूने फैलाई;
अमीरियत का मंजर, तूने दिखलाई;
आसमानी हसरतों के आमद में,
आजीवन डूबा रहा;
सत्ता और शक्ति के नशे में,
दिन रात धुत रहा।
रखी न खबर तुमने,
हालात ए हकीकत;
बहुत ही नाजुक होते है पल,
अच्छे और बुरे दिन का।

अपने चैन के खातिर,
लाखों के चैन, चकनाचूर किया;
मासूम छातियों को कुचलकर,
मनमानियों में खुद को मशहूर किया;
खुद की शान शौकत पर,
घमण्डी सा गुरूर किया;
नर पिशाचों का रूप धारण कर,
निर्दोषों का खून किया;
साक्षी है तेरे जुल्मो का,
हर जर्रा जमीन का।

मैं हूँ एक तिनका,
मुझे कमजोर न समझ;
वक़्त के झंझावात,
जब तुम्हे अपने आगोश में लेंगे;
भयंकर तवाहियों से जब,
तेरी रूह टूटेगी;
काल के भयानक भंवर में
तेरी हस्ती डूब जायेगी;
याद रखना इंसानियत के दुश्मन,
मै एक छोटा सा तिनका,
तेरी चिता को भभकाने,
जलाने के काम आऊंगा;
तेरी बरबादियों का मंजर भी देखेगा,
हर कतरा, हर तिनका जमीन का।
24.08.2019

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