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Saturday, May 9, 2020

तू खुद ही अपनी तस्वीर बदलेगा



कोई चमत्कार होगा,
तेरा मुक़द्दर बदलेगा,
ईशकृपा होगी,
तेरा जीवन बदलेगा,
इस गफलत में,
जीवन को जाया कर,
यहाँ पर कोई और नहीं,
बस तू ही खुद,
अपनी तस्वीर बदलेगा।
तू खुद ही अपनी तस्वीर बदलेगा।

यहां भाग्य आजमाने का वक्त नहीं,
वक्त को  गंवाने का भी वक़्त नहीं,
विकट दौड़ है जीवन की,
हार मान जाने की भी हिम्मत नहीं,
अपने बाजूबल, अपने सामर्थ्य से,
तू खुद ही अपनी तकदीर बदलेगा।
तू खुद ही अपनी तस्वीर बदलेगा।

दैवीय कृपा छलावा है,
कायर कमजोर बनाता है,
पुरुष खुद अपने पुरुषार्थ से,
खुद अपना भाग्य बनाता है,
निरंतर संघर्ष करते रह,
बुरा वक्त जरूर है,
पर यह वक्त भी बदलेगा।
तू खुद ही अपनी तस्वीर बदलेगा।

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