हम इतिहास बन गए,
कही सुनी बात बन गए।
कभी जो वक़्त,
हमारे हमसफ़र हुआ करता थे;
आज वो वक़्त,
एक बीता हुआ एहसास बन गए।
वो तारीख़े, वो साल,
वो लम्हें, वो पल,
जिन्हें मुट्ठियों में बांधकर,
आलम्बन किया करते थे,
वो गुजरे जमाने के,
सौगात बन गए।
यादों के कशिश,
बेचैनियां बढ़ाते हैं,
कभी गुदगुदाते हैं,
हँसाते हैं, रुलाते है,
खट्टी मीठी यादें,
आज बीती बात बन गए।
वो लम्हें,
अब बड़े मासूम लगते हैं,
गुजरे वक़्त के,
जूनून लगते है,
जिन लम्हों से था कभी,
चोली दामन का साथ,
वो लम्हे,
अब बीते हुए ख्वाब बन गए।
रोक दूँ,
वक़्त की चाल,
मोड़ दूँ,
वक़्त की रफ्तार,
हरगिज सम्भव नही,
मेरे बश में नही,
सिर्फ कुछ यादें है अवशेष,
जो आज जिंदा जज्बात बन गए।
कही सुनी बात बन गए।
कभी जो वक़्त,
हमारे हमसफ़र हुआ करता थे;
आज वो वक़्त,
एक बीता हुआ एहसास बन गए।
वो तारीख़े, वो साल,
वो लम्हें, वो पल,
जिन्हें मुट्ठियों में बांधकर,
आलम्बन किया करते थे,
वो गुजरे जमाने के,
सौगात बन गए।
यादों के कशिश,
बेचैनियां बढ़ाते हैं,
कभी गुदगुदाते हैं,
हँसाते हैं, रुलाते है,
खट्टी मीठी यादें,
आज बीती बात बन गए।
वो लम्हें,
अब बड़े मासूम लगते हैं,
गुजरे वक़्त के,
जूनून लगते है,
जिन लम्हों से था कभी,
चोली दामन का साथ,
वो लम्हे,
अब बीते हुए ख्वाब बन गए।
रोक दूँ,
वक़्त की चाल,
मोड़ दूँ,
वक़्त की रफ्तार,
हरगिज सम्भव नही,
मेरे बश में नही,
सिर्फ कुछ यादें है अवशेष,
जो आज जिंदा जज्बात बन गए।
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