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Saturday, May 9, 2020

डर का साया



डर का साया,
चूर कर देगा,
मन को,
मस्तिष्क को, और तन को।

क्षीण कर देगा,
भंगुर कर देगा,
आत्मबल को,
आत्मविश्वास को,
धमनियों का रक्त प्रवाह,
रुक जाएगा,
हृदय गति,
सांसे और नाड़ियों की रफ्तार,
टूट जाएगा,
रोक देगा जीवन के हलचल को,
डर का साया चूर कर देगा,
मन को मस्तिष्क और तन को।

डर को हावी,
मत होने दो,
खुद पर काबिज,
मत होने दो,
हौसला आवाज अपनी,
बुलंद रखो,
निडर निर्भीक खुद को,
सक्षम रखो,
कद ऊंचा रखो,
हिमालय सा,
खुद डर लग जाए डर को।
डर का साया चूर कर देगा,
मन को मस्तिष्क और तन को

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