Followers

Friday, February 14, 2020

शाहीन बाग़ को सलाम


सलाम तेरे हौसले को,
सलाम तेरी हिम्मत को,
तेरे जज्बे को सलाम,
तेरे साहस को सलाम

तू एक जिन्दा नजीर है,
भारत की एकता की,
अखंडता की,
तू एक जिन्दा मिशाल है;
संविधान की, देश की,
लोकतंत्र की;
हर जाति, हर धर्म,
हर भाषा, हर क्षेत्र,
तुझमे समाहित है, तुझमे शामिल हैं;
कश्मीर से कन्याकुमारी,
गुजरात से नागालैंड,
पूरा भारत तेरा साहिल है,
तेरा साथी है;
सौहार्द और संयम के सूत्र में,
एकता की डोर में,
सम्पूर्ण भारत को पिरोया है,
बेमिशाल भाईचारा बनाया है;
शाहीन बाग़ तुम्हे शुक्रिया,
तुम्हे बारम्बार प्रणाम।

धर्म और पंथ के,
लंग अल्फाजों एवं एहसासों,
तूने किनारे कर दिया;
संविधान, आंबेडकर और गांधी,
को सीने से लगा है;
भारत जय भारत भारत विजय,
के गीत से गुंजायमान,
सम्पूर्ण शाहीन बाग़ हुआ,
भारत की शान तिरंगा झंडा;
जन गन मन के गीत से,
गुंजित पूरा आसमान हुआ;
तू राष्ट्रभक्त है, तू देशभक्त है,
तेरी वतनपरस्ती, वतन निष्ठां को,
दिली फक्र और सलाम।

बार तुम्हे उकसाया गया,
आरोप लांछन लगाया गया;
डराया गया, धमकाया गया,
भ्रम और भ्रान्ति फैलाया गया;
कभी मुग़ल, कभी पाकिस्तान,
कभी आतंकी, कभी गद्दार,
शांत शाहीनबाग़ पर,
तमगे पर तमगा लगाया गया;
पर तूने समझदारी, संयम और सौहार्द का,
अजब आइना दिखाया है,
शांति, अहिंसा और सत्याग्रह का,
तूने इतिहास बनाया बनाया है;
तुम श्रेष्ठ हो,
तेरी सर्व श्रेष्ठता को सलाम।

संविधान, लोकतंत्र और देश,
बचाने की इस महामुहिम में,
नारियां है, बच्चे हैं,
बूढ़े हैं, जवान हैं;
अनपढ़ भी हैं,
पढ़े लिखे भी हैं;
इंजीनियर, प्रोफेसर, विद्यार्थी,
व्यापारी और मजदूर भी हैं;
आलीशान बंगलों,
महंगी गाड़ियों से बाहर,
कड़क ठण्ड में,
आजादी का जंग लड़ रहे हैं;
आवाज बुलंद कर रहे हैं;
जब सत्ता, सरकार निरंकुश हो जाते हैं,
अन्यायी अत्याचारी हो जातें हैं;
राजनेता और संगठन,
पार्टियाँ और पैरोकार,
जब असहाय और मजबूर,
हो जाते हैं,
फिर देश की अवाम को,
आम जनता को, नागरिक को,
शाहीन बाग़ बनना पड़ता है;
संविधान बचाने के लिए,
तंजीम बचाने के लिए,
तेरी इस पहल को, हलचल को,
शुक्रिया और सलाम।

तू जिन्दा रहे,
सलामत रहे,
तेरी लव जलती रहे;
तेरे नन्हे दीपक ने,
पूरा देश आलोकित किया है;
तन्द्रा और तन्हाई से,
ग्रसित आवाम को,
तूने जीवन दिया है;
तुझसे बहुत आशा है,
बहुत उम्मीद है;
इतिहास के निर्णायक मोड़ पर,
तू भावी भारत की तस्वीर हो;
तू ज्वलन्त और जिन्दा प्रेरणा हो,
तुम देश की दिशा हो,
तुम यथार्थ भारत हो,
तुम ही भावी भारत हो;
तेरा हौसला सलामत रहे,
तेरी हिम्मत सलामत रहे;
शांति संयम सौहार्द,
शक्ति तुझमे बनी रहे;
तेरे विवेक बुद्धि और बल को,
बारम्बार प्रणाम;
सलाम तुझे सलाम।

No comments:

Post a Comment