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Monday, December 2, 2019

मुसफ़िर मत रुकना


सरपट पथ पर चलना,
गिरना गिर गिर कर संभलना;
डरकर कठिन हालातों से,
ऐ वीर मुसाफिर मत रुकना।

मरुभूमि नदी झरने पर्वत,
सब तुझ पर अट्टहास करेंगे;
दसों दिशाएं और सात समन्दर,
मिल तेरा परिहास करेंगे;
तू फिकर न करना अवरोधों का,
द्रुत गति आगे चलते रहना।

पंक्षी पवन पत्ते पृथ्वी,
भांति भांति तुम्हे डरायेंगे;
गिरकर चलना चलकर गिरना,
बन साथी तुझे सिखायेंगे;
कमजोर ह्रदय कर जीवन पथ पर,
हतोत्साहित होकर मत झुकना।

सत्य है दुखदर्द बहुत,
हर व्यक्ति यहाँ पर सहता है;
डरा सहमा उचका संशय में,
हर कोई यहाँ रहता है;
विकट विघ्न बाधाओं से,
ऐ वीर कभी भी मत डरना।

तेरे हमदर्द हमजोली भी,
संकट में साथ तज देते हैं;
सम्पन्नता और विपन्नता में,
ऐ साथी सच्चे नही होते हैं;
दुनिया के दामन का भरोसा नही,
निज आत्मबल पर भरोसा करना।

पग पग पर फैले शूल यहाँ,
पग पग पर गति अवरोधक हैं;
पग पग ऊबड़ खाबड़ है,
पग पग विशाल प्रतिरोधक है;
चुनौतियों और रुकावटों से,
निरन्तर आगे चलते रहना।

हिम्मत हिला देने वाली,
कभी होगी यहाँ डरावनी रातें;
बादल गर्जन विजली चमक,
काली घटा घनघोर बरसातें;
दिल दहला देने वाले वाकिए से,
दम खम कभी कम मत करना।

समन्दर तेरा रास्ता रोकेगा,
आसमानी सुनामी लहरों से;
पर्वत तुझे चुनौती देगा,
अगम्य अभिमानी रूपों से;
समन्दर पर्वत झुक जायेगे,
धैर्य साहस तुम मत तजना।

रेगिस्तानी रेतीले रास्तों में,
तेरे पैर भी जल जायेंगे;
पर्वत की पथरीली पगडंडी से,
तेरे कोमल पाँव छिल जायेंगे;
जंगलों के कटीले रास्तों के,
काँटों से तुम मत डरना।

उत्सव वैभव थोड़े है यहाँ,
दुखदर्द यहाँ पर ज्यादा है;
कुछ भी हासिल कर सकते हो,
यदि पक्का मजबूत इरादा है;
कठिन परिस्थितियां देखकर तुम,
कभी दिल को छोटा मत करना।

हाड़ कपाती ठण्डक यहाँ,
चिलचिलाती धूप भी है;
विपत्ति विभीषिका भयंकर भूकम्प,
तवाहियों के अनेको रूप है;
दुनिया का प्रत्यक्ष विनाश देख,
हो हतप्रभ हौसला मत तजना।

बुलन्द हौसलों की आहट से,
पर्वत रास्ते बन जाते हैं;
उद्यमी जाबांज दिलेरों से,
समन्दर भी सहम जाते हैं;
हिम्मत है तो सब मुमकिन है,
हिम्मत से आगे बढ़ते रहना।

देख तनिक तकलीफ यहाँ,
साधारण मानव डर जाता है,
दमदार जिगर रखने वाला,
खुद मौत से लड़ जाता है;
परिस्थिति अनुकूल हो जाती है,
तुम धैर्य और साहस रखना।

जीवन मिल जाने से यहाँ,
मरना सत्य हो जाता है;
किसी के लाख चाहने से भी,
नियति नह टल पाता है;
मृत्यु होना है हो जाए,
तुम मृत्यु से कभी न डरना।

ऐसा भी नही की दुनिया में,
सब छल कपटी अति दुष्ट हैं;
ऐसा भी नही हर रोज यहाँ,
विकराल वेदना और कष्ट है;
निर्भर तुझ पर सब कुछ है,
अंधेरों को रोशन करते रहना।

जब कभी विशाल (विकट) तूफ़ान आये,
चुपचाप निकल जाने देना;
देख दर्द दिल घबराए,
आहिस्ता इसे तुम समझाना;
हालात कितने भी बदतर हो,
नियति है इनकी निकल जाना।
30.09.2019

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