तू मेरी रूह में
कुछ इस कदर बस गया है
सांस भी लूं
तेरी खुशबू आती है।
मै कहीं भी रहूं
किसी सूरत में रहूं
तेरे खूबसूरत ख्याल
मेरे ख्वाबों में आते है
दिल की दहलीज पर
तेरी आहट आ ही जाती है।
तेरे चेहरे का नूर
मेरी पलकों में बसते हैं
तेरी बातों का शुरूर
मेरी धड़कन में चलते हैं
मै चाहूं या न चाहूं
पर तेरी याद आ ही जाती है।
अब तो खुद मै
मेरे वश में नही हूं
न जाने क्या होगा
बड़े कसमकश में हूं
कोई अनहोनी की आशंका
मुझे डरा ही जाती है।
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