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Tuesday, June 18, 2024

तेरे खयाल से दूर

तेरे खयाल से दूर
बहुत दूर चला जाऊं
मेरी हर कोशिश 
न मै तुझे याद करूं 
न मै तुझे याद आऊं।

सच कहूं तो मुझे,
तेरी याद बहुत आती है
मुझे सताती हैं
बहुत तडपाती है
ये दर्द न रहे
कुछ ऐसा कर जाऊं।

सोचता हूं ये दर्द
दवा बन जाए
मेरी मोहब्बत
मेरा खुदा बन जाए
कुछ ऐसा हो
तू मेरा दम
मै तेरी दुआ बन जाऊं।

ऐसा नहीं कि 
मुझे तुमसे प्यार नहीं
तुझसे ऐतवार नही
तेरा इंतजार नहीं
कुछ यूं हो 
तू सलामत रहे
मै भी खुश मिजाज रहूं।

तू मेरी रूह में

तू मेरी रूह में
कुछ इस कदर बस गया है
सांस भी लूं
तेरी खुशबू आती है।

मै कहीं भी रहूं
किसी सूरत में रहूं 
तेरे खूबसूरत ख्याल
मेरे ख्वाबों में आते है
दिल की दहलीज पर
तेरी आहट आ ही जाती है।

तेरे चेहरे का नूर
मेरी पलकों में बसते हैं
तेरी बातों का शुरूर
मेरी धड़कन में चलते हैं
मै चाहूं या न चाहूं 
पर तेरी याद आ ही जाती है।

अब तो खुद मै
मेरे वश में नही हूं
न जाने क्या होगा
बड़े कसमकश में हूं
कोई अनहोनी की आशंका
मुझे डरा ही जाती है।

इंतजार तो रहता है।

कुछ भी ही
पर इंतजार तो रहता है।

कभी कभी कोई बात नही,
कभी तो कोई मुलाकात नहीं
कोई काल नही,
कोई मैसेज नहीं;
यह कोई बुराई भी नही,
कोई गलत बात भी नही;
है ढेर सारे काम,
बहुत जिम्मेदारियां;
लोग भी हैं बहुत सारे,
रिश्ते भी कितने सारे;
इस मोहब्बत के अलावा,
इस प्यार से अलग;
पर कुछ भी हो,
इंतजार तो रहता ही है।

इंतजार तो रहता ही है,
बात हो,
कुछ मैसेज ही सही,
कुछ मिनट की काल ही सही;
हाल तो मिल जाता है,
ख्याल की तृप्ति तो हो जाती है;
जो इंतजार की बेचैनी सी होती है,
कुछ शांत तो हो जाती है;
कभी थोड़ा उखड़े हो,
या उदास हो,
थोड़ा नाराजगी हो,
या अनबन ही क्यों न हो;
पर हर हाल में,
हर परिस्थिति में,
इंतजार तो रहता ही है।
इंतजार तो रहता ही है।