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Wednesday, March 8, 2023

मैं सभी यादें भुलाना चाहता हूं।

मैं सभी यादें भुलाना चाहता हूं।
अपने माथे की छाप मिटाना चाहता हूं
मैं सभी यादें भुलाना चाहता हूं।

ऐसा नहीं कि अतीत,
विषकर है, कष्टकर है;
ऐसा भी नहीं कि,
अतीत अहितकर है, दुष्कर है;
यह जीवन अदना सा है,
कहीं अतीत जीवन न बन जाए,
वर्तमान और भविष्य को,
कहीं मृतप्राय न कर जाय;
मन और मस्तिष्क को,
अबोझिल बनाना चाहता हूं।

अतीत तो बीत गया,
अब न बदल पाएगा, न ही लौट पाएगा;
अगर यादों को दुहराए तो,
वर्तमान की खूबसूरती में खलल मचाएगा;
बेहतर है कि भूल ही जाएं,
वह सब कुछ जो अतीत है;
कल हमारा सर्वोत्तम साथी,
आज सबसे बड़ा मीत है।
कालचक्र के कुचक्र से,
खुद को निकालना चाहता हूं।

खोने पाने का महा मायाजाल,
सुलझे, अनसुलझे अनगिनत सवाल;
वैविध्य एहसासों के भ्रमजाल,
सुकृत दुष्कृत का मकड़जाल;
बाधा विविध बन जायेंगे,
पैशाचिक वेश बनायेंगे;
छिन छिन और छिटपुट छिटपुट;
दौर्यबल्लता ही बढ़ाएंगे।
भूत के भूत से,
खुद को बचाना चाहता हूं।





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