धरम
का नाम लेकर सारे,
अधर्म
करने वालों,
भरम
न करना कभी अधर्म से,
तू
साबित बच पायेगा।
धरम
न कहता कोई किसी पर,
कभी
भी अत्याचार करे;
धरम
न कहता कहीं कभी भी,
न
कोई बुरा व्यवहार करे;
धरम
की आड़ में सब करने वालों,
तू
भी शिकार बन जायेगा।
होता
हर दिन दंगा फशाद,
अनावश्यक
होता वाद विवाद;
शांत
सम्पन्न गलियारों में’
नफरत
की भड़क जाती है आग;
धरम
की भभकती लपटों में,
तू
खुद भी जल जायेगा।
धर्म
नही यह अधर्म है,
किसी
को ऊँच किसी को नीच किया;
जाति
वर्ण का भेदभाव,
इन्सान
इन्सान के बीच किया;
विषमता
का विषमई सर्प,
तुझको
भी निगल जायेगा।
धरम
के नाम पर हर रोज यहाँ,
अतिशय
धन लुटाया जाता है;
चन्द
मानिन्द महंथों के,
अय्याशी
पर लुटाया जाता है;
ढोंग
आडम्बर से ठगने वालों,
तू
भी कहीं ठग जायेगा।
अफवाहें
(झूठी बातें) फैलाकर सबको,
धरम
के नाम पर लड़ाता है;
भोले
भालों को जंग में फेंक (झोंक)
खुद
पीछे हट जाता है;
धरम
से धोखा करने वालों,
तू
भी धोखा खा जायेगा।
स्वर्ग
नरक ग्रह नक्षत्र,
शुभ
अशुभ बताया जाता है;
भूत
प्रेत नर पिशाच,
काली
साया से डराया जाता है;
पोंगापंथी
के जंजाल में,
तू
भी कभी फंस जायेगा।
धरम
के झंडे तले यहाँ,
सारी
बदमाशी होती है;
नशाखोरी
हत्या व्यभिचार,
सारी
अय्याशी होती है;
धरम
का धन्धा करने वालों,
दुनिया
को पता चल जायेगा।
बेजुबानों
की बलि चढ़ाना,
धरम
नही हो सकता है;
झाड़
फूंक यज्ञ हवन से,
कोई
काम नही बन सकता है;
व्रत
तीर्थ और मंत्रजाप से,
कोई
भला नही कर पायेगा।
धरम
का सत्यानाश किया,
खुद
धरम के ठेकेदारों ने;
बीच
सड़क बेआबरू किया,
और
बेंच दिया बाजारों में;
धर्म
को रसातल पहुँचाने वालों,
तेरा
बेडागर्क (बेडागर्त) हो जायेगा।
धरम
तो शिष्टाचार है,
सद्भाव
और सद्विचार है;
मोहब्बत
का नजीर बनने वाला,
पावन
पवित्र व्यवहार है;
धरम
में जहर मिलाने वालों,
ऐ
जहर ही तुझे निपटायेगा।
22.09.2019
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