आ जाए कितनी
मुश्किल,
पर तू नही घबडाना;
बिंदास और बेख़ौफ़,
अपनी जिन्दगी
बिताना।
हालात ऐ बामशक्कत,
बदहालियाँ जब आये;
कठिनाईयों विकट में,
तेरे पैर लड़खड़ाऐ;
ले सांस लम्बी गहरी,
दुनिया से तू लड़
जाना;
रख आप पर भरोसा,
आफतों से लड़ जाना।
तकलीफ की तपिश की,
घनघोरता कड़ी हो;
विकराल खौफनाक मौत,
सामने खड़ी हो;
फौलादी जज्बे से
तुम,
नजरे मिलाना;
इरादे फौलादी जोश ए
जज्बा दिखाना।
तुम ही तो हो अशोका,
तुम ही तो हो
सिकन्दर;
हर युद्ध जीत जाने
की,
है शक्ति तेरे
अन्दर;
हौसला ऐ बादशाही से,
ये दुनिया सजाना।
रास्ते कितने दुर्गम
हों,
पर मंजिल तो मिल ही
जाता है;
इन्सान के कोशिश
करने से,
सब कुछ हासिल हो जाता
है;
कोई राह लगे
मुश्किल,
खुद राह तू बन जाना।
बुझदिली को त्याग,
जिन्दादिली को
अपनाओ;
मनहूसियत को मार,
मन मौज तुम मनाओ;
अट्टहासों से
परिपूर्ण,
अपना जीबन बनाना।
सब कुछ यहाँ
क्षणभंगुर,
कुछ भी नही स्थाई;
हर रोज है बवन्डर,
हर दिन यहाँ तबाही;
पल पल की परिस्थिति
का,
जश्न तू मनाना।
जब वक्त निकल
जायेगा,
अफ़सोस तुम्हे होगा;
सुअवसर के गुजर जाने
का,
बड़ा फिक्र तुम्हे
होगा;
हर रोज तुम यहाँ,
होली दिवाली मनाना।
11.09.2019
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