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Friday, November 29, 2019

आ जाए कितनी मुश्किल



आ जाए कितनी मुश्किल,
पर तू नही घबडाना;
बिंदास और बेख़ौफ़,
अपनी जिन्दगी बिताना।

हालात ऐ बामशक्कत,
बदहालियाँ जब आये;
कठिनाईयों विकट में,
तेरे पैर लड़खड़ाऐ;
ले सांस लम्बी गहरी,
दुनिया से तू लड़ जाना;
रख आप पर भरोसा,
आफतों से लड़ जाना।

तकलीफ की तपिश की,
घनघोरता कड़ी हो;
विकराल खौफनाक मौत,
सामने खड़ी हो;
फौलादी जज्बे से तुम,
नजरे मिलाना;
इरादे फौलादी जोश ए जज्बा दिखाना।

तुम ही तो हो अशोका,
तुम ही तो हो सिकन्दर;
हर युद्ध जीत जाने की,
है शक्ति तेरे अन्दर;
हौसला ऐ बादशाही से,
ये दुनिया सजाना।

रास्ते कितने दुर्गम हों,
पर मंजिल तो मिल ही जाता है;
इन्सान के कोशिश करने से,
सब कुछ हासिल हो जाता है;
कोई राह लगे मुश्किल,
खुद राह तू बन जाना।

बुझदिली को त्याग,
जिन्दादिली को अपनाओ;
मनहूसियत को मार,
मन मौज तुम मनाओ;
अट्टहासों से परिपूर्ण,
अपना जीबन बनाना।

सब कुछ यहाँ क्षणभंगुर,
कुछ भी नही स्थाई;
हर रोज है बवन्डर,
हर दिन यहाँ तबाही;
पल पल की परिस्थिति का,
जश्न तू मनाना।

जब वक्त निकल जायेगा,
अफ़सोस तुम्हे होगा;
सुअवसर के गुजर जाने का,
बड़ा फिक्र तुम्हे होगा;
हर रोज तुम यहाँ,
होली दिवाली मनाना।

11.09.2019




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