बंधुता, समानता और
इंसाफ,
की बात करना है;
मोहब्बत की अनोखी,
मिशाल कायम करना है।
सद्भाव हो सभी में,
न बैर हो किसी में;
दिलकश दिल्लगी का,
हो भाव हर किसी में;
आनंद की अनुभूति का,
निजाम कायम करना है।
जीवन है एक सफर,
हम सब मुसाफिर है
यहाँ;
ककडीले पथरीले
रास्तों पर,
एक दूसरे की जरुरत
है यहाँ;
हम सब को मिलकर
यहाँ,
मुकाम हासिल करना है।
कुछ दिनों का ही यह
जीवन है,
कुछ दिन की ही ऐ
कहानी है;
दुनिया का सारा सुख
वैभव,
दुनिया में ही रह
जानी है;
जीवन के इस अविरल
बहाव में,
हम सबको साथ निभानी
है;
विकट समय में साथ
का,
एहसास कायम करना है।
दुनिया का सारा सुख
वैभव,
सब दुनिया में ही रह
जाता है;
जीवन सफर को कवर कर,
जब इन्सान चला जाता
है;
संपत्ति की संकुचित
सोच पर,
पूर्ण विराम करना है।
हम सबके साथ चलने
का,
बड़ा प्यारा मंजर
होगा;
हर हाल में हाथ
पकड़ने का,
जब जज्बा अन्दर
होगा;
तूफानी संकट में भी,
सबको साथ निभाना है।
(हम सबको साथ चलना
है)
जाति धरम लिंग भाषा
का,
भेद नही करना है;
मानव होकर मानव से,
मतभेद नही करना है;
इन्सान है इंसानियत
की,
पहचान कायम करना है।
मोहब्बत दवा है,
मोहब्बत ऊर्जा है;
शान्ति है सकून है,
सुख है सम्पदा है;
मजलिस ऐ मोहब्बत का,
(मन में मोहब्बत का)
मिजाज कायम करना है।
मजबूर बेसहारा कहीं,
कोई लाचार नही हो;
निर्बल और निर्धनों
पर,
कोई अत्याचार नही हो;
दुनिया में
वास्तविक,
इंसाफ कायम करना है।
इन्सान है तो
इंसानियत का,
सबूत चाहिए;
इन्सान में रूहानी
रिश्ते,
मजबूत चाहिए;
दरियादिली
जिन्दादिली का,
मशाल कायम करना है।
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