नापाक
इरादे जालिमे नियत से,
सत्ता
हासिल करने वाले;
प्रतिशोध
(जनक्रांति) की भयंकर अग्न से,
तेरा
छलावा छूमंतर होगा।
प्रतिशोध
की ज्वाला धधक रही,
इसका
तुमको एहसास नही;
बगावत
का बिगुल बजने का,
तुमको
तनिक आभास नही;
तेरी
चिता (तेरा गुरूर) के धू धू जलने का,
बड़ा
प्यारा मंजर होगा।
छल
कपट फरेब का ताज पहन,
तू
नफरत के नशे में चूर हुआ;
साजिश
से सिंहासन पा करके,
तू मदांध
और मगरूर हुआ;
तेरा
अभिमान मिट्टी में मिलने का,
साक्ष्य
समन्दर होगा।
आता
सन्निकट दुर्दान्त देख,
तेरी
रूह भी कांप जायेगी;
आह
की आग लोहे की,
तेरी
छाती भी चीर (पार कर) जायेगी;
तेरा
मिटना बन जायेगा मिशाल,
फिर
कोई किस्सा न कालान्तर होगा।
अरे
तेरी बिशात तो कुछ भी नही,
दुनिया
ने दानव देखा है;
तुमसे
बड़े आकाओं (जल्लादों) को,
मक्खी
सा मसलकर फेंका है;
बराबर
होगा तेरे जुल्मो का हिसाब,
तनिक
न अंतर होगा।
समय
के गर्त में बढ़ रहे,
शांत
सुनामी से है तू बेखबर;
प्रचण्ड
पावक की आहट से,
तेरी
शामत को तुझको न खबर;
पापी
और अत्याचारी का,
बुरा
अन्त निरन्तर होगा।
05.09.19
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