हमे गर्व है हम
भारतीय है,
भारत के मान गौरव
के,
सच्चे सारथी है।
मेरे लहू मेरी सांसे
है अर्पित,
मुल्क पर सम्पूर्ण
जीवन समर्पित;
यह देश मेरी धडकनों
की भांति है।
मिट्टी की धूल, मेरे
सर का ताज है,
कोयलों की मधुर कूक,
मेरे मन की आवाज है;
झील पठार पर्वत और
वन के संघाती हैं।
देशभक्ति का अजब
जूनून है हममे,
ऊधमसिंह भगतसिंह का
खून है हममे;
मातृभूमि के अगाध
प्रेम में जज्बाती है।
मेरे देश मेरी
इच्छा, मेरा देश मेरी महत्वाकांक्षा;
देश से परे मेरी कोई
नही आकांक्षा;
देश की पावन प्रगति
के आजीवन आकांक्षी हैं।
सौंधी सुगन्ध इस
माटी का, मेरे लिए अजान है;
मलयगिरी उन्मुक्त
पवन, बाइबिल और कुरान है;
समन्दर की मनमोहक
लहरें, मेरे जीवन बाती हैं।
जनगण मन के गीतों
से, मेरे रोम सिहर जाते हैं;
विजयी विश्व तिरंगा,
अनायास ही निकल आते हैं;
विश्वगुरु बनने की
चाहत, हर रोज दिल में आती है।
(विश्व विजय करने की
चाहत, हर रोज दिल में आती है।)
भारतीयता मेरी जाति
है, भारतीयता ही मेरा जमीर है;
भारतीयता से सराबोर,
मेरा मन मेरा शरीर है;
भारतीयता मेरी रगों
में, अबाध बहती है।
(भारतीयता बस मेरे
मन को सुहाती है)
मेरा स्वर्ग मेरा
देश, मेरा चमन मेरा देश;
मेरा स्वाभिमान,
मेरा सुख, मेरा अमन मेरा देश;
मेरा देश मेरा फक्र,
मेरा जीवन साथी है।
देश के जर्रे जर्रे
से, मुझे अद्भुत प्यार है;
देश की अस्मिता
अभिमान पर, जान निशार सौ बार है;
मेरा वतन मेरा
मुल्क, मेरे मन को भाती (सुहाती) है।
एहसास में हर पल,
आभास में हर क्षण;
मेरे आत्मिक रूहानी
अंदाज में हर पल;
इस धरती की आबोहवा,
मुझे अपना बनाती है।
12.09.2019
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