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Sunday, December 1, 2019

मंत्र जाप तप हवन से


मंत्र जाप तप हवन से,
किस्मत की कली न खिलती है;
मजबूत इरादे कड़ी मेहनत,
संघर्ष से सफलता मिलती है।

देखा है यहाँ इन्सान को,
अति व्याकुल कांपते डरते;
ईश्वर सम्मुख नत मस्तक,
भीरू सा गिरते पड़ते;
प्राण न्योछावर करने से भी,
भाग्योदय की सूरत न बनती है।

देवकृपा दर्शन के लिए,
मीलों का सफर तय करते हैं;
प्रचण्ड धूप कड़ी ठण्डक
बहुभांति मुसीबत्त सहते है;
जीवन की गाढ़ी कमाई को,
चढ़ाने से न तकदीर बदलती है

भूखे प्यासे रहकर के यहाँ,
यज्ञ पाठ अनुष्ठान करते हैं;
कुलदेवी को खुश करने का,
हर सम्भव विधि विधान करते हैं;
दिन रात दुआ करने से भी,
बदहाली नही बदलती है

उमर बीत जाती है यहाँ,
ईशकृपा तकते तकते;
हर कोशिश प्रभु बन्दन से भी,
कोई नही रस्ते बनते;
संचय संपत्ति चढ़ाने से भी,
कृपा नेत्र न खुलती है।

पीला वस्त्र कमण्डल पकड़,
दुर्जन साधू बन जाते हैं;
राहुकेतु का डर दिखाकर,
धन्धा व्यापार चलाते हैं;
हाथों की चन्द लकीरों में,
भाग्य कभी न बसती है।

भगवानों ने इन्सान नही,
इन्सानों ने भगवान बनायें हैं;
मूक बधिर भगवानों के घर भी,
इन्सानों ने ही बनाये हैं;
महाप्रलय में भी इन मूर्तियों से,
आवाज तक नही निकलती है।

बहुमूल्य सोने और हीरों को,
आग में पिघलना (जलना) पड़ता है;
सुन्दरता धारण करने के लिए,
हथौड़ों से पिटना पड़ता है;
जितनी भी चोंटे पड़ती हैं,
खूबसूरती उतनी निखरती है।

भाग्य छोड़ पुरुषार्थ करो,
मेहनत और व्यापार करो;
लक्ष्य ख्वाइशें सारे सपने,
अपने बूते साकार करो;
ज्ञान विवेक बुद्धि शक्ति से,
दुनिया की तस्वीर बदलती है।

तुझे खुद पर भरोसा करना होगा,
अंगारों पर भी चलना होगा,
विकट विकराल काल से भी,
हर हाल तुझे लड़ना होगा;
अकड़ पत्थरों की तोड़ सदा,
पानी की धार निकलती है।

मिल गई सफलता यदि दैवशात,
चखने में मजा न आता है;
निरंतर कठिन परिश्रम से,
जीवन परिवर्तित हो जाता है;
(खुद जीवन अमृत बन जाता है)
करमवीर जाबांजों की,
बदौलत दुनिया चलती है।

जादुई चमत्कार के चक्कर में,
बेशकीमती वक्त न जाया करना;
तिलक छाप कंठीमाला,
पत्थरों की माया में मत पड़ना (फंसना);
बहुरंगी पत्थर पहनने से,
कपाट किस्मत की न खुलती है।

उद्योग कड़ी मेहनत के बिना,
बनता कोई सरताज नही;
दुनिया में सफलता पाने का,
परिश्रम के सिवा कोई राज नही;
ईमानदार श्रम करने से,
निश्चय ही सफलता मिलती है।

तकलीफ तजुर्बे ताकत से,
वीर बलशाली बादशाह बने,
गिरकर उठकर लड़कर दुनिया से,
शहंशाह  और सम्राट बने;
उत्साह साहस पराक्रम से,
परिस्थितियां भी झुक जाती हैं।

वीरशिवा अशोक सिकन्दर,
वीरता की ज्वलन्त कहानी हैं;
बाबर अकबर राणाप्रताप,
पराक्रम की सच्ची निशानी हैं;
पुरुषार्थ करने वालों के,
बल पर दुनिया बदलती हैं।

तू देख समय की कुटिल चाल,
मन हीन कभी भी मत करना;
कठिन से कठिन हालातों से,
कमजोर ह्रदय तुम मत करना;
समय परिस्थिति स्थिर नही,
हर घड़ी बदलती रहती है।
25.09.2019


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