जी
भर के कोई भी द्वेष करे,
तुम
अहिस्ता मुस्का देना;
दुनिया
यदि विकट विद्वेष करे,
बस
हल्के से तुम हंस देना।
न
छटे आच्छादित गम के बादल,
ऐसा
हो सकता ही नही;
न
हटे अजब तूफानी हलचल,
कभी
ऐसा सम्भव ही नही;
धैर्य
और साहस के सहारे,
सरपट
आगे तू निकल जाना।
बैर
ईर्ष्या को कोमल मन का,
बोझ
नही बनने देना;
विषाक्त
सड़ीले इन कचरों को,
कभी
न ठहरने देना;
हो
सहज सरल इस दुनिया में,
आसानी
से आगे बढ़ते रहना।
जीवन
की सारी हँसी ख़ुशी,
सब
तुझ पर निर्भर करता है;
वैसे
ही होगी ऐ जिन्दगी,
तू
जैसा निर्णय करता है;
अँधेरे
और आफतों में भी,
आसान
राह को कर देना।
जीवन
के प्रश्न है कठिन नही,
हम
लोग कठिन बनाते हैं;
हम
जितना उसको सुलझाते हैं,
उतना
ही जटिल बनाते हैं;
जीवन
के कठिनतम प्रश्नों को,
हल
हल्के ह्रदय से कर देना।
मन
दुर्बल तन को क्षय करना,
ये
कौन सी समझदारी है;
नफरत
के सहारे जीवन जीना,
बुरी
आदत गंभीर बीमारी है;
प्रतिकूल
परिस्थिति कितनी भी हो,
तुम
शांतचित्त चलते रहना।
दुनिया
अजब बहुरंगी है,
गिरगिट
सा रंग बदलती है;
अगले
पल ही मुड़कर पीछे,
घनघोर
बुराई करते हैं;
बचना
बकवास बुराई से,
सब
सुना को अनसुना कर देना।
सब
लोग तुम्हे गाली देंगे,
जब
नई राह अपनाओगे;
जी
भर के तेरा गान करेंगे,
जब
कामयाब हो जाओगे;
टीका
टिप्पड़ी पर मत जाना,
मन
में बस मकसद रखना।
विकट
समय से निपट,
गगन
को चूमना आसान नही;
सफलता
के समन्दर पा जाना,
बच्चों
का कोई काम नही;
चुनौतियों
को चीर सदा,
हिम्मत
की डोर बांधे रखना।
जब
तेरी राह कभी रोके,
तेरा
साथी छल कपटी बनकर;
तुझको
जब दुविधा में झोके,
तेरा
दोस्त हितैषी बनकर;
अद्भुत
होशियारी दिखलाके,
सही
राह कोई तुम चुन लेना।
19.09.2019
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