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Monday, December 2, 2019

तेरी राष्ट्रभक्ति तेरा राष्ट्र गौरव


तेरी राष्ट्रभक्ति तेरा राष्ट्र गौरव,
तेरा राष्ट्रवाद सब झूठा है।

तू धूर्त महा मक्कार है,
तू देश का गद्दार है;
धोखेबाज बहानेबाज तू,
तू लुटेरों का सरदार है;
रखवाली का भरोसा देकर तूने,
इस देश को जमकर लूटा है।

देश का नाम ले लेकर तुमने,
इस देश का सत्यानाश किया;
जर्जर अपंग निर्बल करके,
तुमने सम्पूर्ण विनाश किया;
सम्मान सहूलियत संपत्ति पर,
तू पैशाचिक बनकार टूटा है।

मायाबी जादूगर सा बनकर,
अजब गजब करतब दिखाता है;
चिकनी चुपड़ी बातों से अपनी,
भोली भाली जनता को फंसाता है;
तेरे लम्पट लफ्फाजों से तंग आकर,
विश्वास जनमानस का टूटा है।

तू फर्जी देशभक्ति का,
सिर्फ दिखावा करता है;
मनगढ़ंत कहानी झूठे वादे,
जनता से छलावा करता है;
तू जालिम है तू जोकर है,
तू छलिया अत्यंत अनूठा है।

भूखा नंगा इन्सान यहाँ,
खाली पेट सो जाता है;
राष्ट्रवाद बस राष्ट्रवाद,
तू गलाफाड़ चिल्लाता है;
तू कातिल है तू काफ़िर है,
नापाक तेरा मंसूबा है।

राष्ट्रवाद के नाम पर,
जनता को उल्लू बनाते हो;
राज सिंहासन पर हो सको आसीन,
गजब गजब गुल खिलाते हो;
तेरी बदनीयती तेरी बदइन्तजामी से,
इस देश का मान डूबा है।

जनमानस जब सांसत में फंसा,
तो कैसा देश क्या राष्ट्र;
जुल्म की जंजीर में जकड़ा अगर,
फिर राष्ट्रवाद भी है बकवास;
राष्ट्रवाद गंभीर बीमारी है,
इन्सान जहाँ पर भूखा है।

राष्ट्रवाद के खूबसूरत मुखौटे में,
शातिर शैतान छिपा रहता है;
राष्ट्र धरम का चरस पिला करके,
दीमक बन देश को बंजर करता है;
राष्ट्रधर्म मीठा और धीमा जहर है,
इस जहर से सराबोर पूरा सूबा है।

तू कौन होता है मुझको,
राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाने वाला;
तू कौन होता है मुझे,
देश गौरव समझाने वाला;
तू नित नई नौटंकी करने वाला,
अतिशय अत्यन्त अजूबा है।

तेरी देशभक्ति खुद ढुलमुल है,
तेरा किरदार संदेहास्पद है;
तू जख्म का जखीरा है,
तेरे कारनामे विवादास्पद हैं;
देशभक्ति और राष्ट्रभक्ति के नाम पर,
इस देश को तूने लूटा है।

हमदर्द बनकर खुद अपनों को,
खुद तुमने नेस्तनाबूत किया;
साधारण जन के सारे सपनों को,
खुद तुमने चकनाचूर किया;
बेशरम बेपरवाह बेवफा है तू,
मेवे में सना जहरीला धतूरा है।

देशभक्ति का राग अलाप,
तू देश का स्वामी बन बैठा;
फर्जीवाडों और फरमानों से,
सल्तनती कुशासन कर बैठा;
सबको गर्दिश और गफलत में डाल,
तूने आम जन का खून चूसा है;

जन से होता राष्ट्र,
और जन से ही होता देश है;
जन कल्याण और जन उद्देश्य,
हर राष्ट्र का उद्देश्य है;
राष्ट जन के लिए और,
जन राष्ट्र के लिए पूजा है।

उस राष्ट्र का हम क्या करेंगे,
जो राष्ट्र ही निर्जन हो जायेगा;
राष्ट्र सम्पत्ति का क्या करेंगे,
जब जन ही निर्धन हो जायेगा;
जन ही राष्ट्र और राष्ट्र ही जन है,
आत्म निर्भर परस्पर एक दूजा है।

तेरा राष्ट्रवाद एक मायाजाल है,
यह व्यर्थ बकवास भौकाल है;
राष्ट्रवाद की आभा में फंसाने का,
तेरी गहरी साजिश गंदी चाल है;
अमन चैन इस देश का,
तुम सबने मिलकर लूटा है।
23.10.2019

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