कोई
उम्मीद किसी से मत करना,
यहाँ
सब लोग शातिर हैं।
होठों
पर चिकनी चुपड़ी बातें,
पर
मन मैला सा रहता है;
तन
सुन्दर कपड़े अति सुन्दर,
पर
अन्तः मटमैला सा रहता है;
अजब
गजब परिधान में,
यहाँ
सब लोग बाराती हैं।
जब
आपके सम्मुख होते,
सादगी
सा व्यवहार करते हैं;
पीछे
मुड़ते ही ऐ जालिम,
वार
पर वार करते हैं;
मुश्किल
है इनको समझ पाना,
जाने
कैसे संघाती हैं।
मुश्किल
है यहाँ समझ पाना,
मेरा
दोस्त कौन मेरा दुश्मन कौन;
मेरा
दुश्मन मेरी शाबाशी करता,
मेरा
दोस्त अक्सर रहता है मौन;
पहचान
अति गम्भीर समस्या है,
कि
कौन सच्चा साथी है।
कोई
किसी से कम नही यहाँ,
सब
बड़े बड़े तीरंजदाज हैं;
ऐठन
अकड़ आमद ऐब,
सबके
अपने अन्दाज हैं;
मामूली
बातों पर लड़ता झगड़ता,
हर
कोई यहाँ जज्बाती है।
सबकी
अपनी ढपली है,
सबका
अपना राग है;
खुद
अपने से ही स्नेह है,
अपने
से ही बैराग है;
यहाँ
जीना सिर्फ अपने लिए,
और
मरना भी अपने ही खातिर है।
31.10.2019
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