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Sunday, April 13, 2025

चूँ चूँ ची ची करती चिड़िया

चूँ  चूँ ची ची करती चिड़िया,
हरी डाल बैठी चिड़िया!

पंख हिलाती, गुन गुन गाती
मीठे मधुर संगीत सुनाती
पेड़ पेड़ पर डाल डाल पर
उड़ उड़ करके दौड़ लगाती
सुन्दर पंखों वाली चिड़िया
लगती भोली भाली चिड़िया!

आसमान से आती है
पेड़ों में छुप जाती है
कुदक कुदकर फुदक फुदकर
नाच अनेक दिखाती है!
दिन भर दाने चुग चुगकर
फ़िर वापस उड़ जाती चिड़िया!

Friday, January 17, 2025

आने वाला है मेरा यार



आने वाला है मेरा यार

इन्तेज़ार इन्तेज़ार
होने वाला है दीदार
इन्तेज़ार इन्तेज़ार

बाहों से लगाऊंगा, सीने में छुपाउंगा
पलकों में सिमट जाऊँगा
जी भर करूंगा उससे प्यार

साँसों में समाना है
रूह छु जाना है
इक दूजे में खो जाना है
करना है उससे एतबार

वापस नहीं जाना है
बस ठहर जाना है
वादा तुम्हें निभाना है
करना है उसपे जां निसार






Saturday, January 11, 2025

ठान ले

ठान ले
तु ठान ले 
तुझे जीत मिलेगी,  ये तु जान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

हर मुश्किल पार करेगा तु
दुश्मन पर वार करेगा तु
(तूफां के पार चलेगा तु, तूफां से नहीं डरेगा तु)
धरती अम्बर को झुका के तु
सपना साकार करेगा तु
तुझे जश्न मिलेगा, ये तु मान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

पर्वत पिघले अम्बर कांपे
सागर विशाल थर थर कांपे
तेरे मामूली सी आहट पर
ये कायनात सिर पे नाचे
तुझे वही मिलेगा, जो तु ठान ले.

चल चल, तु चल चला चल.