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Thursday, July 24, 2025

तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो!

तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो!

स्वस्थ हो,  सुन्दर हो,  सर्वश्रेष्ठ हो,
संपूर्ण बिश्वास और गर्व से,
तुम ग़लतफ़हमी ही पालो !
तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो


दुनिया में सब झाम झमेला है,
मन मस्तिष्क का पूरा खेला है;
दो पल दुनिया साथ दिखी,
अगले पल आदमी अकेला है;
अनावश्यक उलझन, मत आफत पालो!
तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो!

जश्न मनाओ, नाचो गाओ ऐसे,
जैसे कि तुम शहजादा हो;
जियो शान से, स्वाभिमान से ऐसे,
जैसे कि तुम महाराजा हो;
अंतर्मन में शहंशाही बादशाहत डालो!
तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो!

दीन हीन बन रोना नही,
जीवन अमूल्य है, इसे खोना नही;
पल छिन जी भरकर जियो,
जीवन में जहर बोना नही;
कमजोरियों में ताकत डालो!
तुम बेवजह खुश होने की आदत डालो!

विपत्ति में ही वीरता की, पहचान होती है!

सरपट राहों के सूरमा बन,
क्यूँ दम्भ इतना दिखाते हो?
सुविधापूर्ण सफ़लता पाकर,
क्यूँ स्वयं वीर बन जाते हो?

चुनौतियाँ तो बहादुरों की जान होती है!
विपत्ति में ही वीरता की, पहचान होती है!

अति मुश्किल हालातों में भी,
कभी नहीं घबराता है;
विकट विकराल संकट को भी,
सहज पार कर जाता है;
समस्याएं तो शूरवीरों की शान होती हैं!
विपत्ति में ही वीरता की, पहचान होती है!

जीवन है तो हार जीत भी है,
दुख सुख का सतत संगीत भी है ;
भीषण विघ्न यदि कंटक पथ है,
खुशियो का उत्सवगीत भी है;

गिरना, संभलना, उठना, चलना
जीवट का जीवनगान होती है!
विपत्ति में ही वीरता की, पहचान होती है!






MAGAZINE MESSAGE 2025

 FROM THE PRINCIPAL’S DESK

Vidyalaya is the hub of creativity, discovery and innovation. The complete Vidyalaya environment provides the young children to grow and flourish fearlessly and joyously. The inherent and underlying capacities find wings to fly to the horizon of learning the life skills and to become a sensible, responsible and successful citizen the world.

As the world is rapidly transforming into better and more advanced human civilization where the human beings are scribing the history to excel in the fields of science, technology, art, aeronautics, space, robotics, artificial intelligence, machine and deep learning.

The Vidyalaya magazine provides the young growing children a platform to showcase and exhibit their innate capabilities.

The ‘हुनर magazine itself epitomizes the genius minds who tend to produce magnificent artworks and creative innovations through their genuine and honest endeavours. This will enhance the sense of pride and belief to themselves on their splendid creations. Moreover, it will boost their morale and uplift confidence to do even more.

Wishing all the best for success.

 

L CHANDRA

Principal

Sunday, April 13, 2025

चूँ चूँ ची ची करती चिड़िया

चूँ  चूँ ची ची करती चिड़िया,
हरी डाल बैठी चिड़िया!

पंख हिलाती, गुन गुन गाती
मीठे मधुर संगीत सुनाती
पेड़ पेड़ पर डाल डाल पर
उड़ उड़ करके दौड़ लगाती
सुन्दर पंखों वाली चिड़िया
लगती भोली भाली चिड़िया!

आसमान से आती है
पेड़ों में छुप जाती है
कुदक कुदकर फुदक फुदकर
नाच अनेक दिखाती है!
दिन भर दाने चुग चुगकर
फ़िर वापस उड़ जाती चिड़िया!

Friday, January 17, 2025

आने वाला है मेरा यार



आने वाला है मेरा यार

इन्तेज़ार इन्तेज़ार
होने वाला है दीदार
इन्तेज़ार इन्तेज़ार

बाहों से लगाऊंगा, सीने में छुपाउंगा
पलकों में सिमट जाऊँगा
जी भर करूंगा उससे प्यार

साँसों में समाना है
रूह छु जाना है
इक दूजे में खो जाना है
करना है उससे एतबार

वापस नहीं जाना है
बस ठहर जाना है
वादा तुम्हें निभाना है
करना है उसपे जां निसार






Saturday, January 11, 2025

ठान ले

ठान ले
तु ठान ले 
तुझे जीत मिलेगी,  ये तु जान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

हर मुश्किल पार करेगा तु
दुश्मन पर वार करेगा तु
(तूफां के पार चलेगा तु, तूफां से नहीं डरेगा तु)
धरती अम्बर को झुका के तु
सपना साकार करेगा तु
तुझे जश्न मिलेगा, ये तु मान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

पर्वत पिघले अम्बर कांपे
सागर विशाल थर थर कांपे
तेरे मामूली सी आहट पर
ये कायनात सिर पे नाचे
तुझे वही मिलेगा, जो तु ठान ले.

चल चल, तु चल चला चल.