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Saturday, January 11, 2025

ठान ले

ठान ले
तु ठान ले 
तुझे जीत मिलेगी,  ये तु जान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

हर मुश्किल पार करेगा तु
दुश्मन पर वार करेगा तु
(तूफां के पार चलेगा तु, तूफां से नहीं डरेगा तु)
धरती अम्बर को झुका के तु
सपना साकार करेगा तु
तुझे जश्न मिलेगा, ये तु मान ले.

चल चल, तु चल चला चल.

पर्वत पिघले अम्बर कांपे
सागर विशाल थर थर कांपे
तेरे मामूली सी आहट पर
ये कायनात सिर पे नाचे
तुझे वही मिलेगा, जो तु ठान ले.

चल चल, तु चल चला चल.




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