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Sunday, June 11, 2017

भयो अंधियार, जलायो गोरी दियना


भयो अंधियार, जलायो गोरी दियना

भयो अंधियार, जलायो गोरी दियना
काम क्रोध, मद मोह में प्राणी,

दिवस बिताये, बिताये रैना;
भयो अंधियार......................................

कित जाये, कोई बाट न सूझत,
माया का पर्दा, पड़ा रे नयना;
भयो अंधियार.........................

मूरख मृग, वन वन को धावत,
कस्तूरी है बसे हियना;
भयो अंधियार...............................

प्यासी बिरही का, सेज बा सूनी,
बिन गुरु ज्ञान, मिले नहि सजना;
भयो अंधियार........................

प्रीति की रीति, चल्यो लाल की,
नासिहैं पीर रहे, कोई दुःख न;

भयो अंधियार.................

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