यार ये भी कोई बात हुई
बोले नहीं कि बदल गए
बात से मुकर गए
कही को अनसुना कर गए
जैसे के आपने कुछ कहा ही न हो
कुछ तो शर्म करो
येसा अधर्म न करो
कोई आप पर विश्वास करता है
आप पर जान छिडकता है
पर आप है की ऐठे है
चुपचाप बैठे है
येसे पर कौन किस पर भरोसा करेगा?
कौन किसी के लिए क्या कुछ सोचेगा, करेगा
अपना अपना नहीं होगा
कोई भी किसी का नहीं होगा
अपनी ढपली अपना राग
पर येसे क्या चलता है संसार
नज़रे क्यों छुपाते हो
जब तुमने कभी कुछ किसी का बुरा किया नहीं
सोचा नहीं अनभल किसी का
किसी को धोखा नहीं दिया
झूठ बही बोला , बस सच बोला
प्यार किया , नफ़रत नहीं किया
चाहे हो अपना या गैर
तो सर क्यो झुकाते हो
लजाते हो शरमाते हो
घबराते हो कभी डर जाते हो
हाथ बढाओ , पूरे मन से
दोस्ती का प्यार का और मोहब्बत का
औरो से दूरी न हो दिल के ढक्कन को
खोलो और भाईचारे का रस टपकने दो
सम्मान करो दूसरों का भी
मदद करो दूसरों की जरूरत में
दूसरे के दर्द का यहसास करो
हो सके तो कुछ दर्द बाट लो
दूसरे के आंसू के कीमत समझो
येसा न हो कि “अपना आंसू आंसू
पर दूसरे के आंसू नाली का गन्दा कीचड
देखो फिर दुनिया अपनी अपनी सी लगाने लगेगी
जीना भी अच्छा लगेगा
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